
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की मदद से बरियारपुर गांधीपुर निवासी मनोज आनंद को अपने चाचा द्वारा गलत तरीके से तैयार कराई गई वंशावली को रद्द कराने में सफलता मिली है।
जिलाधिकारी सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार निखिल धनराज निप्पाणीकर ने बताया कि 29 जनवरी 2024 को मनोज के चाचा राधाकृष्ण जायसवाल ने गलत दस्तावेज के आधार पर बरियारपुर अंचल से पारिवारिक सदस्यता प्रमाणपत्र निर्गत करा लिया था। जब इसकी जानकारी मनोज आनंद को हुई, तो उन्होंने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय, सदर मुंगेर में शिकायत दर्ज करायी।
शिकायत की सुनवाई के क्रम में अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी बरियारपुर को नोटिस भेजकर रिपोर्ट मांगी। अंचल अधिकारी ने अपने रिपोर्ट में वंशावली को सही ठहराया, जिसके आधार पर अनुमंडल पदाधिकारी ने अंतिम आदेश पारित कर दिया।
मनोज आनंद ने इस आदेश के खिलाफ प्रथम अपील अपर समाहर्त्ता-सह-प्रथम अपीलीय प्राधिकार के समक्ष दायर किया। लेकिन वहाँ भी आदेश यथावत रखा गया। इसके बाद मनोज ने जिलाधिकारी सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के समक्ष अपील की।
5 अगस्त 2025 को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सुनवाई हुई, जिसमें अंचल अधिकारी और मनोज दोनों उपस्थित थे। जांच रिपोर्ट और पक्षों की दलीलों के आधार पर यह पाया गया कि राधाकृष्ण जायसवाल ने अपने आवेदन में परिवार के सभी सदस्यों का नाम अंकित नहीं किया था और गलत सूचना देकर अंचल अधिकारी को गुमराह किया गया। फलस्वरूप जिलाधिकारी ने उक्त वंशावली को रद्द करने का आदेश दिया।
फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए मनोज आनंद ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून, 2015 शिकायत निवारण का एक सशक्त और भरोसेमंद प्लेटफार्म है। इस कानून के तहत न तो किसी प्रकार का खर्च होता है और न ही वकील रखने की आवश्यकता पड़ती है। केवल 60 कार्य दिवस में शिकायत का निवारण हो जाता है। यह कानून हर दृष्टिकोण से आम जनता के लिए अत्यंत प्रभावकारी और लाभकारी है।