बीएसडीआरएन पोर्टल 2018 को सरल बनाने हेतु बीएसडीआरएन 2023 एप विकसित किया गया है : पीआरओ,औ
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, पटना के द्वारा आपदा के समय त्वरित एवं प्रभावकारी कार्रवाई सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह के निर्देश पर अपर समाहर्ता मनोज कुमार की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय पंकज कुमार सहित अन्य थे।
प्राधिकरण के पीआरओ मुकुंद कुमार ने बताया कि 2018 में बीएसडीआरएन पोर्टल विकसित किया गया है। वर्ष 2023 में इसके प्रयोग को और सरल बनाने हेतु मोबाईल बीएसडीआरएन एप विकसित किया गया है जिसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यह प्रणाली बहुत ही उपयोगी साबित हो सकती है। उन्होंने बताया कि बिहार मुख्य रूप से ग्रामीण पृष्ठ भूमि के साथ-साथ एक बहु आपदा प्रवण राज्य है। बिहार की भू-परिस्थिति की संरचना इसे अनेकों आपदाओं के प्रति संवेदनशील बनाती है। यहाँ रहने वाले लाखों लोगों का जीवन इन आपदाओं से प्रभावित होता रहता है। इस राज्य में विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक एवं मानव-जनित आपदाओं जैसे बाढ़, सुखाड़, भूकम्प, आग, चक्रवात, तूफान, सड़क दुर्घटना, भगदड़, महामारी, नीका दुर्घटनाओं, वज्रपात, तूफान, शीतलहर एवं गर्म हवाओं इत्यादि के कारण समय-समय पर बहुत अधिक जान-माल की क्षति होती है। इस प्रकार बिहार में प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ मानव-जनित आपदाएं और पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन संबंधी प्रभाव देखने को मिलते हैं। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के कारण तीव्र मौसमीय गतिविधियों में वृद्धि देखने को मिलती है और उसके लिए पर्यावारण संवेदी उपायों को करने की आवश्यकता होती है।
उन्होंने बताया कि आपदा पश्चात किये जाने वाले उपायों से आपदा पूर्व तैयारियों, बेहतर संस्थागत व्यवस्थाओं, अधिक जागरूकता और पहले से अधिक तैयारियों जैसे परिवर्तनों के साथ बिहार एक सुरक्षित राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है और आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन के क्षेत्र में देश में अग्रणी होकर उभर रहा है। प्राकृतिक एवं मानव जनित आदाओं के न्यूनीकरण एवं उनके प्रति तैयारियों को संस्थागत रूप देकर अधिक प्रभावशाली बनाने की दिशा में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण अग्रसर है। इसी क्रम में प्राधिकरण द्वारा विभिन्न क्षेत्रों का एक बिहार स्टेट डिजास्टर रिकोर्स नेटवर्क ऑनलाइन डाटाबेस (बीएसडीआरएन) तैयार किया जा रहा है।
बीएसडीआरएन की स्थापना का उद्देश्य एक ऐसा राज्य स्तरीय डाटाबेस तैयार करना है जो किसी आकस्मिकता या आपदा के प्रबंधन के समय विभिन्न हितभागियों एवं प्रशासन को उपलब्ध संसाधनों की जानकारी प्रदान करेगा। यह जानकारी राभी आपदा प्रबंधकों को विभिन्न स्तर पर उपलब्ध हो सकेगी। बीएसडीआरएन एक वेब आधारित प्लेटफार्म होगा जो विभिन्न उपकरणों, प्रशिक्षित मानवीय संसाधनों एवं अत्यावश्यक सामग्रियों की जानकारी आपदा रिस्पांस के लिए उपलब्ध करायेगा। इसका प्रमुख उद्देश्य आपदा के समय उपयोग होने वाले उपकरणों एवं मानव संसाधनों आदि के विषय में सही जानकारी उपलब्ध कराना है जिससे कि किसी भी आपदा का सामना किया जा सके। इसके माध्यम से विभिन्न जिलों में विभिन्न आपदाओं के प्रति तैयारियों का अनुमान भी लगाया जा सकेगा। इसके माध्यम से आपदा के तुरन्त बाद के समय में लोगों तक प्रभावी रिस्पांस एवं राहत पहुँचा कर उनकी जान बचायी जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि बीएसडीआरएन की ऑनलाइन इन्वेंटरी प्राधिकरण की वेबसाइट पर होस्ट की जायेगी। इसमें कोई भी संस्था, संगठन, विभाग या व्यक्ति अपने पास उपलब्ध संसाधन जो बाढ़, सुखाड़, सड़क दुर्घटना, नाव दुर्घटना, भूकम्प आदि आपदाओं के समय त्वरित कार्रवाई के लिए प्रयोग में लाए जाऐंगे, को डेटा बेस में अंकित कर सकता है। जिससे की जिस किसी को चाहे वह जिला प्रशासन या कोई अन्य सरकारी संगठन हो अथवा कोई व्यक्ति विशेष हो इसे वेब पोर्टल से खोज कर प्राप्त कर सकता है।
अपर समाहर्ता ने कहा कि आप सभी इसकी पूर्ण जानकारी प्राप्त कर लें ताकि इससे आपदा के समय किसी भी व्यक्ति की जान बचाने में सहायक हो सके। साथ ही जिला से लेकर प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारियों का इस एप पर निबंधन किया जाना है, ताकि आपदा के वक्त विभिन्न संसाधनों की जानकारी आसानी से उपलब्ध हो सके।