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Jamalpur News दुर्गा पूजा पर भक्ति जागरण व कन्या पूजन का भव्य आयोजन

सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम, कन्या पूजन ने बांधा समां

दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर, दौलतपुर में भक्ति जागरण एवं कन्या पूजन का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें भक्ति, संस्कृति और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला। विद्यालय परिसर मां दुर्गा के जयकारों और रंग-बिरंगे सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंज उठा। छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन कर सभी का मन मोह लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। विद्यालय प्रांगण को फूलों, रंगोली और पारंपरिक सजावट से सुसज्जित किया गया था। छात्राओं ने मां दुर्गा की महिमा पर आधारित भक्ति नृत्य और लोकगीत प्रस्तुत किए, जिनमें सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक विरासत का संदेश निहित था। छोटे बच्चों ने देवी-देवताओं की वेशभूषा में प्रस्तुत नृत्य से दर्शकों का मन जीत लिया।

मुख्य आकर्षण कन्या पूजन रहा, जिसमें नौ कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर विधिवत पूजा की गई और उन्हें फल एवं उपहार भेंट किए गए। कक्षा 6 की बहनों पलक प्रिया, श्रुति, धानी प्रिया, वंशिका, दिव्यांशी, लक्ष्मी, प्रगति, शिवांगी और लक्ष्मी ने मां दुर्गा के नौ रूप धारण किए। वहीं वर्ग 4 की छात्राओं ने डांडिया प्रस्तुत कर सभी का उत्साह बढ़ाया।

‘अंगना पधारो महारानी’ गीत पर वर्ग 6 की शिवांगी और प्रगति का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। नौ कन्याओं के पूजन में वर्ग 3 की बहनों जीवा, शिवानी, आकांक्षा, शिवन्या परी, अनन्या, रितिका, अदिति और आरोही ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त ‘गीत गणनायिकाएं’ प्रस्तुति में वर्ग 5 की नैना, अनन्या, रिया, एलीजा और योषिता ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।

विद्यालय के प्रधानाचार्य ने कहा, “यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने और बच्चों में नैतिक मूल्यों को स्थापित करने का सशक्त माध्यम है।” अभिभावकों और स्थानीय निवासियों ने भी विद्यालय की इस पहल की सराहना की। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों में आत्मविश्वास और सांस्कृतिक गौरव का भाव जगाते हैं।

विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि इस तरह के धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। कार्यक्रम में सचिव चंद्रशेखर खेतान, कोषाध्यक्ष सुधीर सिंह, समिति सदस्या शैल दीदी, उप-प्रधानाचार्य संतोष कुमार सहित सभी आचार्य-दीदी जी उपस्थित रहे।

यह आयोजन दौलतपुर जमालपुर के लिए भक्ति और संस्कृति के रंगों से सराबोर एक अविस्मरणीय पल बन गया।

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