#समस्याधरहरामुंगेर।

दुधमुंही बच्ची सहित पत्नी को छोड़कर पति फरार, ससुराल वालों ने घर में रखने से किया इनकार,

चार दिनों से भूखी प्यासी न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही है महिला,

जिले के धरारा प्रखंड की बहू पिछले चार दिनों से भूखी प्यासी न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रही है । महरना गांव  निवासी मत्तू यादव की बहू सह अतीश कुमार की पत्नी तुलसी कुमारी ने बताया कि पिछले चार दिनों से धरहरा बाजार में न्याय के लिए अपनी दुधमुंही बच्ची को लेकर सड़क पर भटक रही है।

पीडी़त महिला ने बताया  कि वह चार  दिनों से धरहरा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर ही रात बिता रही थी।  बुधधवार की रात कुछ मनचले युवक ने महिला को काफी परेशान भी किया।  महिला  मानसिक रूप से स्वस्थ है और पति के धोखा की शिकार है। जिसे करीब एक महीना पहले पति ने दानापुर रेलवे स्टेशन पर यह कहकर  छोड़कर चला गया था कि वह ठेकेदार से अपने काम का वकाया राशि लेकर आता है। पति के इंतजार में भूखी – प्यासी महिला अपनी दुधमुही बच्ची के साथ दो दिनों तक दानापुर के प्लेटफार्म पर ही पति का इंतजार करती रही, पर जब पति नहीं आया तब महिला धरहरा थाना क्षेत्र के महरना गांव में स्थित अपने ससुराल पहुंची। जहां उसके ससुराल वालों ने यह कहकर उसे घर में प्रवेश नहीं करने दिया कि जब बेटा ही घर पर नहीं  है, तो तुमको भी नहीं रहना है। जिसके बाद तुलसी ने गांव के कुछ समाजसेवी के पास जाकर संबंधित मामले से अवगत कराते हुए न्याय की गुहार लगाई।  उक्त समाजसेवी ने ससुराल वालों से बात किया किन्तु ससुराल वालों ने  लड़की को रखने से साफ इंकार कर  दिया। इस दौरान पीड़िता को मदद का झांसा देकर महरना गांव के ही  औड़ाबगीचा गांव में एक 60 वर्षीय वृद्ध के साथ रहने को विवश कर दिया।  तुलसी वह वहां से भी निकल न्याय की गुहार लगाने के लिए दर – दर भटक रही है। इस दौरान पीड़िता ने धरहरा थाना पुलिस से भी न्याय की गुहार लगाई । अबतक कोई भी लोग नवविवाहिता को न्याय दिलाने के लिए आगे नहीं बढ़ा है।  धरहरा बाजार में उक्त महिला को भटकता देख कर एक युवक ने धरहरा महरना पंचायत के पंचायत समिति सदस्य  के पास भेजा। जहां उक्त पंसस ने अनुमंडल पदाधिकारी, सीडीपीओ , प्रखंड काल्याण पदाधिकारी, एडीसीपी अनिमेष कुमार को मामला से अवगत कराया।

कहते हैं पदाधिकारी :-
एडीसीपी अनिमेष कुमार ने कहा कि जिला बाल संरक्षण ईकाई मुंगेर को इसकी सूचना दी जाएगी, ताकि महिला एवं बच्ची को सुरक्षित करते हुए आगे की कार्रवाई की जा सके। पर नौकरशाह इतने बेरहम है कि उक्त पीडी़त को अब  तक न्याय दिलाने में विफल है ।

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