बिहारमुंगेर।

खनन, पंचायती राज एवं राजस्व से संबंधित समीक्षात्मक बैठक,

अवैध खनन एवं परिवहन के रोकथाम के विरूद्ध कई स्तर पर की जा रही है कार्रवाई : अपर मुख्य सचिव,

“अवैध खनन एवं परिवहन के विरूद्ध सरकार गंभीर है इसके रोकथाम के लिए इस दिशा में कई स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इलेक्ट्राॅनिक निगरानी एवं नये साॅफ्टवेयर और एआई के मदद से निगरानी व्यवस्था तैयार की जा रही है। इसके लिए गैनट्रीज पर एआई से युक्त सीसीटीवी कैमरा लगाये जाएंगे।” उपरोक्त बातें अपर मुख्य सचिव, खनन एवं भू तत्व सह पंचायती राज विभाग मिहिर कुमार सिंह ने कही। वे प्रमंडलीय सभागार में मुंगेर प्रमंडल के सभी जिलाधिकारी, अपर समाहर्ता, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला खनिज विकास पदाधिकारी के साथ खनन, पंचायती राज एवं राजस्व से संबंधित समीक्षात्मक बैठक में बोल रहे थे। इस अवसर पर प्रमंडलीय आयुक्त मुंगेर संजय कुमार सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक संजय कुमार, निदेशक खनन एवं भू तत्व विभाग, आयुक्त के विशेष कार्य पदाधिकारी, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सह प्रभारी आयुक्त के सचिव, उप निदेशक पंचायती राज विभाग, उप विकास आयुक्त मुंगेर एवं अन्य पदाधिकारीगण भी  थे।

“अवैध खनन एवं परिवहन के विरूद्ध सरकार गंभीर है इसके रोकथाम के लिए इस दिशा में कई स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इलेक्ट्राॅनिक निगरानी एवं नये साॅफ्टवेयर और एआई के मदद से निगरानी व्यवस्था तैयार की जा रही है। इसके लिए गैनट्रीज पर एआई से युक्त सीसीटीवी कैमरा लगाये जाएंगे।”  : अपर मुख्य सचिव, खनन एवं भू तत्व सह पंचायती राज विभाग मिहिर कुमार सिंह

"अवैध खनन एवं परिवहन के विरूद्ध सरकार गंभीर है इसके रोकथाम के लिए इस दिशा में कई स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इलेक्ट्राॅनिक निगरानी एवं नये साॅफ्टवेयर और एआई के मदद से निगरानी व्यवस्था तैयार की जा रही है। इसके लिए गैनट्रीज पर एआई से युक्त सीसीटीवी कैमरा लगाये जाएंगे।" उपरोक्त बातें अपर मुख्य सचिव, खनन एवं भू तत्व सह पंचायती राज विभाग मिहिर कुमार सिंह
अवैध खनन एवं परिवहन के विरूद्ध सरकार गंभीर है इसके रोकथाम के लिए इस दिशा में कई स्तर पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इलेक्ट्राॅनिक निगरानी एवं नये साॅफ्टवेयर और एआई के मदद से निगरानी व्यवस्था तैयार की जा रही है। इसके लिए गैनट्रीज पर एआई से युक्त सीसीटीवी कैमरा लगाये जाएंगे।” उपरोक्त बातें अपर मुख्य सचिव, खनन एवं भू तत्व सह पंचायती राज विभाग मिहिर कुमार सिंहउन्होंने कहा कि  जिला स्तर पर खनन के संदर्भ में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जायेगा जहाॅ एलईडी टीवी पर सीसीटीवी कैमरों की मदद से लाईव लोकेशन एवं स्थिति का अनुश्रवण किया जायेगा। उन्होंने सभी जिलाधिकारी को कहा कि तकनीकी का प्रयोग कर वाहनों का लोकेशन ट्रेस करे और कन्ट्रोल रूम के माध्यम से उनकी निगरानी करते हुए उसपर कार्रवाई करें। उन्होंने सभी जिलाधिकारी से कहा कि वर्तमान में नियंत्रण कक्ष में ही खनन से संबंधित नियंत्रण कक्ष स्थापित करें। सीसीटीवी कैमरो के संस्थापन के लिए अपने-अपने जिलों में संवेदनशील स्थलों को चिन्ह्ति कर सूची उपलब्ध कराये। उन्हांेने कहा कि सुरक्षित स्थान के दृष्टिगत थानों, नया टाॅल प्लाजा एवं अन्य सुरक्षित स्थानों पर गैनट्रीज एवं चेकपोस्ट की व्यवस्था सुनिश्चित कराये। गैनट्रीज स्थापन का स्थल काफी महत्वपूर्ण है। उक्त पोस्टों पर केबिन का भी निर्माण किया जायेगा। जहाॅ भविष्य में भी इलेक्ट्राॅनिक सर्वीलांस की व्यवस्था रहेगी।
मुंगेर प्रमंडल अन्तर्गत बालू घाटों की नीलामी की स्थिति की समीक्षा की गयी। कुछ जिलों में बंदोबस्ती होने और कुछ जिलों में नहीं होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिया गया कि पर्यावरणीय क्लीयरेंस के साथ प्रक्रियाओं को पूरा करें। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में अभी तक नीलामी नहीं हो पायी है उसे शीघ्र सुनिश्चित कराये। बालू घाटों की नीलामी नहीं होने से अवैध खनन को बढ़ावा मिलता है। बंदोबस्ती के बाद प्रक्रियाओं के लिए समय निर्धारित किया गया है। टाईम लाईन के उल्लंधन होने पर कार्रवाई करे। बालू परिवहन के हर वाहन में लगे जीपीएस से आप लाईव ट्रेकिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते है।
अपर मुख्य सचिव ने बालू घाटों के नियमित निरीक्षण पर काफी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अवैध बालू परिवहन के विरूद्ध शमन शुल्क में अभी तक जो व्यवस्था है और जिस रूप में उससे ली जा रही है वह सही नहीं है। शमन शुल्क एवं कम्पांउडिंग लगाने के लिए समाहर्ता ही प्राधिकृत है एवं उनका अनुमोदन जरूरी है। बिना समाहर्ता के अनुमोदन के जिला खजिन विकास पदाधिकारी अपने स्तर से कोई कार्रवाई नहीं करेगे। इस संबंध में सभी जिला खनिज पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि प्राथमिकी दर्ज करने में विलंब न करे। उन्हें अपने स्तर से वाहनों को मुक्त करने की शक्ति प्राप्त नहीं है। आसूचना के संबंध में अपर मुख्य सचिव ने काफी बल देते हुए कहा कि अवैध खनन एवं परिवहन के विरूद्ध आसूचना प्राप्त करने हेतु इसका प्रचार प्रसार कराये। इसके लिए जारी नम्बर पर कोई भी व्यक्ति सूचना दे सकता है। इसके लिए उन्होंने कहा कि अवैध बालू परिवहन के संबंध में प्रति ट्रैक्टर 5 हजार एवं प्रति ट्रक 10 हजार की पुरस्कार राशि दी जायेगी। जिलाधिकारी इस संबंध में सूचना देने वाली व्यक्ति की पहचान गुप्त रखेंगे एवं उन्हें पुरस्कार हेतु सूची गुप्त रूप से राज्य को उपलब्ध करायेगे। उन्होंने कहा कि बिना मिली भगत से बालू का अवैध खनन एवं परिवहन नहीं हो सकता है। इस व्यवस्था को तोड़ना अति आवश्यक है। अवैध बालू के परिवहन एवं आॅवरलोडिंग से सरकार को राॅयल्टी एवं जीएसटी का नुकसान होता है। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अवैध बालू को हटाये और विधिवत रूप में नियमित बालू की आपूर्ति सुनिश्चित कराये, जिससे बालू के दाम एवं बाजार नियंत्रित रहेंगे और लोगों को सुविधा प्राप्त होगी। पंचायती राज विभाग की समीक्षा में अपर मुख्य सचिव ने पंचायत सरकार भवनों की निर्माण की समीक्षा की और सभी जिलाधिकारियों से कहा कि इसके निर्माण में भूमि के चयन सीमांकन आदि जो भी समस्या आ रही है उसका निराकरण कराकर निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराये। जिला परिषद द्वारा वित्त आयोग की प्राप्त राशि समुचित रूप में व्यय नहीं होने की स्थिति में सभी जिलाधिकारी को निदेश दिया गया कि वे जिला परिषद का मासिक रूप से समीक्षा करे एवं राशि का व्यय सुनिश्चित कराये। उन्होंने कहा कि जिला परिषद को प्राप्त राशि का व्यय आवश्यक है। अपर मुख्य सचिव ने जिला परिषद, पंचायत समिति एवं पंचायतों के वार्षिक रूप से निर्धारित संख्या में निरीक्षण करने हेतु जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया वहीं उप विकास आयुक्त, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को भी पंचायत समिति एवं पंचायतों/ग्राम सभा के निरीक्षण का भी निदेश दिया गया। प्रमंडलीय आयुक्त को भी पंचायती राज से संबंधित समीक्षा करने के निर्देश दिये गये। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन के क्रम में वृक्षों को नष्ट करते है, उनके स्थान पर नये वृक्ष का अधिष्ठापन भी जरूरी है। सभी पदाधिकारियों को पंचायत स्तर पर बरगद, नीम, पीपल, आम आदि वृक्षारोपण करने को कहा गया।
आमजन के परिवहन सुविधा में बस की महत्वपूर्ण भूमिका है किन्तु बस पड़ाव का व्यवस्थित रूप से निर्माण नहीं हो सका है। सभी प्रखंडों एवं जिला स्तर पर जहाॅ पर बसों का ठहराव होता है। जिला परिषद की भूमि अथवा निजी भूमि को इस काम के लिए उपयोग करे। बस स्टैण्ड के निर्माण से यात्रियों को पेयजल, शौचालय बैठने की व्यवस्था एवं अन्य सुविधाएं प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी इस संबंध में समीक्षा कर ले और जहाॅ आवश्यक है वहाॅ पर बस पड़ाव निर्माण कर बेहतर सुविधा उपलब्ध कराये। उन्होंने इस संबंध में आगे कहा कि आधुनिक प्रकार के सभी सुविधाओं से युक्त बेहतर बस पड़ाव का डिजाईन करें। प्रमंडलीय आयुक्त को उन्होंने इसकी समीक्षा करने को कहा। उन्होंने कहा कि हर प्रखंड में बस स्टैण्ड की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

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