विद्यालय के पांच प्राण- छात्र, अध्यापक, भवन, प्रबंधकारिणि समिति एवम् समाज होते हैं। इनमें से एक भी अगर निकल जाए तो विद्यालय नहीं चल सकता। अतः इन पांचों तत्वों में आपसी सामंजस्य स्थापित करते हुए अच्छी शिक्षा और अच्छे संस्कार के साथ विद्यालय का सफल संचालन करें। उक्त बातें विद्या भारती उत्तर-पूर्व क्षेत्र के संगठन मंत्री ख्याली राम ने कही। वे भारती शिक्षा समिति/शिशु शिक्षा प्रबंध समिति बिहार द्वारा आयोजित प्रांत स्तरीय सी एवम् डी श्रेणी के सरस्वती शिशु/ विद्या मंदिरों के प्रधानाचार्यों के बैठक को संबोधित करते हुए सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर के प्रशाल में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि विद्या भारती विद्यालयों का भौगोलिक विस्तार हो तथा समाज में विद्यालय का प्रभाव दिखे एवम् गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार करते हुए विद्यालय को सामाजिक चेतना का केंद्र बनाने का प्रयास करें। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति, सामाजिक सद्भाव, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, शोध, अभिभावक संपर्क, पूर्व छात्र, स्वदेशी आदि विषयों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा किया तथा इसके प्रति समाज में जागरूकता फैलाने एवम् इस पर कार्य करने का आह्वान किया।
इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत विद्या भारती उत्तर-पूर्व क्षेत्र के संगठन मंत्री ख्याली राम, भारती शिक्षा समिति/शिशु शिक्षा प्रबंध समिति, बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, सरस्वती विद्या मंदिर, मुंगेर के सचिव अशोक कुमार एवम् प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना रखते हुए भारती शिक्षा समिति/शिशु शिक्षा प्रबंध समिति, बिहार के प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा ने कहा कि इस बैठक का उद्देश्य विद्यालयों के शैक्षिक एवम् सहशैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्टता लाना है जिससे कि विद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास हो सके। उन्होंने उपस्थित प्रधानाचार्यों से कहा कि यहां चर्चा किए गए विषयों को अपने-अपने विद्यालयों के आचार्यों एवम् प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ चर्चा-वार्ता कर विद्यालय में क्रियान्वित करें। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण सत्र में सभी प्रधानाचार्य तीन बार बैठते हैं। पहली बैठक में नई योजनाओं का निर्माण तथा सत्रांत समीक्षा करते हैं। दूसरी बैठक में योजनाओं का कहॉं तक क्रियान्वयन हुआ इसकी समीक्षा होती है जिससे सीख लेते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ने का पुनः प्रयत्न करते रहते हैं।
उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय प्रबंधकारिणी समिति के सचिव अशोक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवम् अच्छे संस्कार के साथ विद्यालय का संचालन करें। वही समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए भारती शिक्षा समिति/शिशु शिक्षा प्रबंध समिति, बिहार के सदस्य कुंज बिहारी ने कहा कि प्रधानाचार्य विद्या भारती सौरमंडल के सूर्य हैं, उन्हें अपने विद्यालय में हो रहे गतिविधियों को मीडिया के विभिन्न माध्यमों द्वारा समाज में लाने का प्रयास करना चाहिए साथ ही अभिभावक संपर्क को भी सुदृढ़ करना चाहिए।
मंच संचालन विभाग निरीक्षक उमा शंकर पोद्दार तथा प्रवासी कार्यकर्ता वीरेंद्र कुमार वहीं अथिति परिचय प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से दक्षिण बिहार में चल रहे सरस्वती शिशु/ विद्या। मंदिरों के 150 से अधिक प्रधानाचार्य, विभाग प्रचारक देवेंद्र कुमार, विभाग निरीक्षक उमा शंकर पोद्दार, ब्रह्मदेव प्रसाद, जिला निरीक्षक सतीश कुमार सिंह, प्रवासी कार्यकर्ता वीरेंद्र कुमार, परमेश्वर कुमार आदि उपस्थित थे।