22 साल पुराने शंभू मंडल हत्याकांड का फैसला: सच्चिदा मंडल को उम्रकैद, आर्म्स एक्ट में तीन वर्ष की सजा,

अपर एवं जिला सत्र न्यायाधीश प्रथम अमित रंजन उपाध्याय की अदालत ने बुधवार को 22 वर्ष पुराने शंभू मंडल हत्याकांड में महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया। अदालत ने बरियारपुर थाना क्षेत्र के कल्याणचक चाई टोला निवासी 60 वर्षीय सच्चिदा मंडल उर्फ मास्टर उर्फ शकीरवा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत तीन वर्ष की अतिरिक्त सजा भी दी गई। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। न्यायालय ने दोषी पर 15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया।
अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक प्रणव कुमार ने बहस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
क्या है मामला :-
अभियोजन के अनुसार 15 अगस्त 2003 को पुरबसराय रेलवे स्टेशन के पास चाई टोला निवासी शंभू मंडल अपनी पत्नी और भतीजे के साथ सब्जी बेचने आया था। शेष बची सब्जी बेचने के लिए वह रेलवे लाइन के समीप पहुंचा, तभी सच्चिदा मंडल ने उसके गर्दन पर कट्टा सटाकर गोली मार दी। घटनास्थल पर ही शंभू मंडल की मौत हो गई।
मृतक के भतीजे फातो मंडल के बयान पर कोतवाली थाना कांड संख्या 359/2003 दर्ज की गई थी। हत्या के बाद सच्चिदा मंडल फरार हो गया था। लंबे समय तक भागने के बाद उसे 9 जनवरी 2021 को पुलिस ने गिरफ्तार किया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
मृतक और आरोपी के बीच भूमि विवाद चल रहा था, जो कोर्ट में लंबित था। इसी विवाद को हत्या का प्रमुख कारण बताया गया।
22 वर्षों बाद आए इस फैसले के साथ शंभू मंडल हत्याकांड का अध्याय न्यायालय में पूर्ण हुआ।




