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मुंगेर में नकली सिगरेट फैक्ट्री का भंडाफोड़ : 5 साल से चल रहा था नेटवर्क, 50 लाख की सिगरेट व मशीनें बरामद, एक गिरफ्तार,

पुलिस ने सोमवार की देर रात शहर के पूरबसराय इलाके में पांच वर्षों से संचालित हो रही एक बड़े नकली सिगरेट निर्माण मॉड्यूल का पर्दाफाश किया। काली तजिया वार्ड 24 निवासी पिंकू खां ने अपने ही घर को मिनी फैक्ट्री में बदल रखा था, जहां गोल्ड फ्लैक, कैपिस्टन और विल्स जैसे नामी ब्रांडों की सिगरेट तैयार की जाती थी।

घर में चल रहा था उत्पादन, बिहार–यूपी तक फैला नेटवर्क :-

छापेमारी में खुलासा हुआ कि पिंकू खां के घर से ही सिगरेट बनाने, पैकिंग करने और फिर इसे शहर, ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ बिहार के विभिन्न जिलों और उत्तर प्रदेश तक सप्लाई किया जाता था। पिछले पांच साल से यह अवैध कारोबार बिना किसी बाधा के जारी था।

आईटीसी कंपनी की जांच से हुआ खुला मामला :-

आईटीसी के लीगल मैनेजर शिवा ने बताया कि कंपनी पिछले छह महीने से बिहार और उत्तर प्रदेश के विभिन्न दुकानों से सैंपल इकट्ठा कर उनकी लैब जांच करवा रही थी। जांच में सामने आया कि कई ब्रांडों की सिगरेट नकली है और इनकी कड़ी मुंगेर से जुड़ रही है। पूरा मामला स्पष्ट होने पर कंपनी ने इसकी जानकारी मुंगेर के एसपी सैयद इमरान मसूद को दी। इसके बाद पुलिस ने गुप्त निगरानी शुरू की।

छापेमारी के दौरान मुख्य आरोपी फरार:-

एसपी सैयद इमरान मसूद के निर्देश पर सदर एसडीपीओ अभिषेक आनंद, प्रशिक्षु डीएसपी अभिषेक चौबे और मिथिलेश तिवारी, पूरबसराय थानाध्यक्ष सौरभ कुमार, महिला थानाध्यक्ष कृति कुमारी, कोतवाली थानाध्यक्ष राजीव तिवारी, जिला आसूचना इकाई और सशस्त्र बल की संयुक्त टीम ने पिंकू खां के घर पर छापेमारी की। छापेमारी की भनक मिलते ही पिंकू खां फरार हो गया।

उसकी पत्नी ने पूछताछ में बताया कि छापेमारी की आशंका में पिंकू खां ने बड़ी मात्रा में तैयार नकली सिगरेट, पैकिंग सामग्री और मशीनें पास के ही एक अन्य घर में शिफ्ट कर दी थीं। पुलिस ने तुरंत उस घर पर भी छापा मारा।

50 लाख की नकली सिगरेट और मशीनें जब्त:-

पुलिस ने छापेमारी के दौरान भारी मात्रा में तैयार नकली सिगरेट, सिगरेट रोलर मशीन, प्रिंटर, पंचिंग मशीन, विभिन्न ब्रांडों के रैपर, खाली डिब्बे और पैकिंग सामग्री बरामद की। कंपनी अधिकारियों के अनुसार, बरामद सामान की अनुमानित कीमत 40 से 50 लाख रुपये तक है।

चार-चार नकली वर्जन तैयार करता था पिंकू खां :-

कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि पिंकू खां एक ही ब्रांड के चार-चार अलग-अलग नकली वर्जन तैयार करता था, ताकि बाजार में पकड़ पाना मुश्किल हो जाए। यही वजह थी कि यह नेटवर्क कई वर्षों से सक्रिय रहा। रैकेट दुकानदारों को प्रति पैकेट 30 से 35 रुपये में माल सप्लाई करता था।

एक व्यक्ति गिरफ्तार, मुख्य आरोपी की तलाश जारी :-

छापेमारी में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी पिंकू खां फरार है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है।

पुलिस ने कहा कि यह कार्रवाई जिले में नकली उत्पादों के खिलाफ बड़ी उपलब्धि है, और आगे भी ऐसे गोरखधंधों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।

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