Munger News जिलाधिकारी के दरबार में खुला भ्रष्टाचार और लापरवाही का पिटारा!”
किसकी होगी सुनवाई, किसे मिलेगा इंसाफ?”
जनता के दरबार में जिलाधिकारी कार्यक्रम के तहत समाहरणालय स्थित संवाद कक्ष में जिलाधिकारी निखिल धनराज निप्पाणीकर आम जन की जनशिकायतों से रूबरू हुए। इस दौरान उन्होंने 30 आवेदकों की समस्याओं को सुनते हुए तत्काल संबंधित पदाधिकारियों को उचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने उपस्थित आमजनों से कहा कि “आप अपनी किसी भी प्रकार की समस्या सीधे मेरे समक्ष रखें, नियमानुसार हर मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी।”
बासुदेवपुर निवासी रिजवाना बानों ने आरोप लगाया कि उनके पति मो. खबीरउद्दीन (शिक्षक, उर्दू मध्य विद्यालय सयनकिता) ने उन्हें प्रताड़ित कर घर से निकाल दिया और जीवन यापन भत्ता भी नहीं दे रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारी को त्वरित जांचोपरांत कार्रवाई का आदेश दिया।
इसी तरह, चुरम्बा निवासी मो. साहबउद्दीन ने मुख्य डाकघर के डाकपाल पर किसान विकास पत्र की दूसरी प्रति निकालने के नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया।
वहीं चैरगांव असरगंज के नवीन कुमार, कमदेव सिंह, विनोद सिन्हा सहित एक दर्जन आवेदकों ने मत्स्य पालन विभाग पर वर्ष 2024 के प्रशिक्षण उपरांत वादा किए गए भत्ता का भुगतान अब तक नहीं करने का आरोप लगाया।
टोल अनुसेवक मुरारी मोहन प्रसाद ने राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, लखीसराय–मुंगेर के कार्यपालक अभियंता पर एसीपी एवं एमएसीपी की राशि का भुगतान रोकने की शिकायत की।
इसी क्रम में कमलदेव सिंह (चैरगांव असरगंज) ने अपने सरपंच पर वंशावली नहीं बनाने का आरोप लगाया, जबकि मेसर्स गौतक कुमार एजेंसी के प्रो. गौतम कुमार ने सदर अस्पताल प्रबंधन द्वारा निर्माण कार्य का बकाया भुगतान नहीं करने की शिकायत दर्ज कराई।
इसके अतिरिक्त जमीन पर कब्जा, अंचलाधिकारी द्वारा परिमार्जन नहीं करने, बाढ़ सहायता राशि में गड़बड़ी जैसी अनेक शिकायतें भी सामने आईं।
जिलाधिकारी ने सभी मामलों की गंभीरता से सुनवाई करते हुए निर्देश दिया कि प्रत्येक आवेदन पर संबंधित विभागीय अधिकारी शीघ्र कार्रवाई कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।